Avli Verma has completed her M.Phil in Planning and Development from IIT Bombay in 2016 where she submitted her thesis on ‘Climate Change and Vulnerability’ by constructing Vulnerability and Adaptive Capacity Index for the Coastal Districts of India. Before this she has completed her post-graduation with a M.Sc.in Environmental Sciences from Jawaharlal Nehru University, New Delhi. For her master’s dissertation, she examined the impact of leachate on thequality of groundwater in areas around Okhla Landfill Site, New Delhi. She interned with an autonomous think-tank ‘Council on Energy, Environment and Water, New Delhi’ for a summer research project on conflicts and internal security and natural resources. She has been working with Manthan since January 2018 and focusses on national inland waterways.
अवली वर्मा
अवली वर्मा ने 2016 में आईआईटी –बॉम्बे, मुंबई से प्लानिंग और डेवलपमेंट में एम. फिल. किया है। उनका शोधपत्र तटीय इलाकों में जलवायु परिवर्तन और अति संवेदनशीलता पर आधारित था जो अति संवेदनशीलता और अनुकूलन क्षमता को सूचकांक बनाकर किया गया था। इससे पहले उन्होंने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, दिल्ली से पर्यावरणीय विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने ओखला लैंडफिल (दिल्ली) के आस-पास के इलाकों में भूजल की गुणवत्ता का आंकलन किया। अवली ने कौंसिल ऑफ इनर्जी, इनवायनमेंट एण्ड वाटर, नई दिल्ली के साथ एक ‘समर इंटर्नशिप’ प्रोजेक्ट किया जिसके तहत प्राकृतिक संसाधनों और आंतरिक सुरक्षा एवं संघर्षों पर अध्ययन किया गया। अवली जनवरी 2018 से मंथन अध्ययन केन्द्र के साथ जुड़ी है तथा अंतर्देशीय जलमार्गों पर केन्द्रित काम कर रही हैं |