मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा 10 जुलाई 2013 को मध्यप्रदेश जल विनियमन विधेयक पारित कर दिया। विधेयक का उद्देश्य राज्य में जल-संसाधनों के न्याय संगत, स्थिर प्रबंधन और उनके अधिकतम उपयोग तथा घरेलू, कृषि और औद्योगिक प्रयोजनों के लिये उपयोग में लाये जाने वाले जल हेतु जल विनियामक प्राधिकरण का गठन करना है। खबरों में बताया गया कि 13वें वित्त आयोग ने जल टेरिफ प्रणाली की अवधारणा और जल क्षेत्र में आय-व्यय को पुनरीक्षित और मॉनीटर करने के लिये भी उक्त प्राधिकरण के गठन की सिफारिश की है।
राज्य सरकार ने सिफारिशों का विस्तार से परीक्षण करने के बाद जल-संसाधनों के स्थिर और वैज्ञानिक प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिये आयोग के गठन के लिये विधि अधिनियमित करने का दावा किया था लेकिन जब इस विधेयक को विधानसभा में पास करवाया गया तब न तो सदन में विपक्ष को कोई सदस्य मौजूद था और न ही इस महत्वपूर्ण विधेयक पर कोई चर्चा की गई है।
जल नियामक तंत्र के बारे में समझ बनाने तथा इसके बारे में जनजागृति हेतु 13 जून 2008 को भोपाल में एक कार्यशाला एवं आमसभा का आयोजन किया गया था। इन कार्यक्रमों की विस्तृत रिपोर्ट देखने के लिए यहॉं क्लिक करें।