दिनांक 18 जून 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत 41 कोयला खण्डों के लिए बेरोक-टोक खनन हेतु नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ की जिनमें अंतिम उपयोग अथवा अंतिम उपयोगकर्ता, बिक्री या उपयोग, गैस या द्रव्य में परिवर्तन, या निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है ।
व्यावसायिक कोयला खनन के लिए देश भर से चयनित 41 कोयला खदानों में से, छत्तीसगढ़ राज्य के उच्च जैव-विविधता क्षेत्र तथा प्रस्तावित लेमरु हाथी रिजर्व में स्थित 5 कोयला खदानों को स्थानीय समुदायों और छत्तीसगढ़ सरकार के कड़े विरोध के कारण नीलामी की सूची से बाहर किया गया।
हालांकि, कुछ दिनो बाद, 3 अन्य खदानों को इस नीलामी की सूची में शामिल किया गया जो की उस क्षेत्र में स्थित है जो की पहले से ही कोयला खनन और ताप विद्युत उत्पादन का कहर झेल रहा है। इससे भी अधिक महत्व की बात यह है कि इस इलाके की नई खदानों को नीलामी में शामिल करना राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है और इसे गंभीर कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
यह नोट इस मुद्दे पे विस्तृत तरीके से प्रकाश डालता है ।