मार्च 2016 को भारतीय संसद में राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम पारित किया गया। इसके चलते 111 नदियों या उनके कुछ हिस्सों को राष्ट्रीय (अंतर्देशीय) जलमार्ग घोषित किया गया है। इन जलमार्गों के विकास के लिए नदियों में तल की खुदाई, नदी मोड़ को सीधा करना और बैराज बनाने इत्यादि गतिविधियोंसे नदियों की पूरी पारिस्थितिकी, जीव जंतु, वनस्पति, मछलियां सभी बड़ी मात्रा में प्रभावित होंगी। Down to Earth हिंदी पत्रिका में लिखा श्रीपाद धर्माधिकारी का लेख।